विभाग का सृजन
जुलाई, 1942 में तत्कालीन संचार विभाग को दो विभागों अर्थात् डाक विभाग और युद्ध परिवहन विभाग में विभाजित करके युद्ध परिवहन विभाग बनाया गया था।
आवंटित कार्य और संगठनात्मक इतिहास
युद्ध परिवहन विभाग को आवंटित कार्यों में प्रमुख बंदरगाह, रेलवे प्राथमिकताएं, सड़क और जल परिवहन का उपयोग, पेट्रोल राशनिंग और उत्पादक गैस, तटीय नौवहन और प्रमुख बंदरगाहों का प्रशासन और विकास शामिल हैं। मोटे तौर पर कहें तो युद्ध परिवहन विभाग का कार्य युद्ध के समय में परिवहन की मांगों का समन्वय करना था। बाद में, विभाग की परिवहन प्राथमिकताओं के नियंत्रण के परिणामस्वरूप निर्यात की योजना बनाई गई।
अनुवर्ती बदलाव
- वर्ष 1957 में, युद्ध परिवहन विभाग का नाम बदलकर परिवहन संचार मंत्रालय कर दिया गया और परिवहन विभाग को इसके अधीन रखा गया।
- 25 जनवरी, 1966 के राष्ट्रपति के आदेश में परिवहन मंत्रालय का नाम फिर से बदल कर परिवहन और उड्डयन मंत्रालय में परिवहन, जहाजरानी और पर्यटन विभाग किया गया था।
- 13 मार्च, 1967 से परिवहन और उड्डयन मंत्रालय को परिवहन जहाजरानी मंत्रालय और पर्यटन नागरिक उड्डयन मंत्रालय में विभाजित किया गया था।
- 25 सितंबर, 1985 से परिवहन और जहाजरानी मंत्रालय परिवहन मंत्रालय के अधीन भूतल परिवहन विभाग बन गया।
- 22 अक्टूबर, 1986 से परिवहन मंत्रालय के अधीन भूतल परिवहन विभाग का नाम बदलकर भूतल परिवहन मंत्रालय कर दिया गया।
- 17 नवंबर, 2000 से भूतल परिवहन मंत्रालय को दो मंत्रालयों अर्थात् जहाजरानी मंत्रालय तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में विभाजित किया गया था।
- 2 सितंबर, 2004 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा जहाजरानी मंत्रालय को दो विभागों – जहाजरानी विभाग तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के साथ एक ही जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में मिला दिया गया था।
- 2009 में जहाजरानी विभाग तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग को अलग-अलग स्वतंत्र मंत्रालयों में परिवर्तित करके जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को फिर से दो स्वतंत्र मंत्रालयों अर्थात् जहाजरानी मंत्रालय तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में विभाजित किया गया था।